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युवा दिवस के अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच का महाअभियान

 

उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत”,अर्थात उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक कि अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाओ। ये स्वामी विवेकानंद का देश और दुनिया के युवाओं के लिए संदेश था। भारत और दुनिया के युवाओं को प्रभावित करने वाले महापुरुषों में स्वामी विवेकानंद का नाम आकाश जितना विराट है। आज के दौर में जब युवा नई-नई समस्याओं का सामना कर रहे हैं,उनके सामने नई उलझने हैं, और भटकने के कई रास्ते भी, तब स्वामी विवेकानंद के विचार और भी प्रासंगिक हो जाते हैं, इसीलिए स्वदेशी जागरण मंच 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर मनाए जाने वाले युवा दिवस को स्वावलंबी युवा एवं स्वावलंबी भारत के आह्वाहन के साथ मनाया

इस दौरान युवाओं में चेतना एवं सजगता का संचार करने के लिए स्वामी विवेकानंद के विचारों पर आधारित वाद विवाद प्रतियोगिता, भाषण, एवं चित्रकला समेत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानंद मानसिक स्वास्थ्य के साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही उतना ही बल देते थे, इसीलिए स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से अनेक खेलकूद स्पर्धाओं का भी आयोजन किया गया, साथ ही विभिन्न जगहों पर रैलियां और बाइक रैलियां भी निकाली गईं, साथ ही स्वामी विवेकानंद के संदेश और उनके विचारों के प्रसार के लिए नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है।
स्वदेशी जागरण मंच के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संपर्क प्रमुख एवं वरिष्ठ प्रचारक बलराज सिंह ने कहा कि “स्वामी विवेकानंद चाहते थे कि युवा अधिक से अधिक संख्या में सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों, जिससे न केवल समाज बेहतर बनेगा, बल्कि इससे व्यक्तिगत विकास भी होगा। उन्होंने सामाजिक सेवा के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़ा और मनुष्य में मौजूद ईश्वर की सेवा करने की बात कही।” उन्होने कहा कि युवाओं की इसी क्षमता को समझते हुए, स्वदेशी जागरण मंच ने 20 वर्ष पहले स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर स्वावलंबी भारत अभियान की शुरुआत की थी और मंच आज भी भारत के असंख्य युवाओं के बीच स्वालंबन के साथ साथ सामाजिक दायित्वों एवं भारतीयता की सतत चेतना का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
उन्होने कहा कि आज भारत के युवा, भारत के लिए सबसे बड़ा अवसर हैं और आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह में अग्रसर है, तब भारत की युवा शक्ति का सिर्फ़ संख्या में अधिक होना ही नहीं, सजग, समर्थ और स्वावलंबी होना भी ज़रूरी है। इसीलिए स्वदेशी जागरण मंच स्वावलंबी युवा, स्वावलंबी भारत का राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहा है।
स्वदेशी जागरण मंच के इस स्वावलंबी युवा-स्वावलंबी भारत अभियान का उद्देश्य रोज़गार युक्त, ग़रीबी मुक्त एवं समृद्धि युक्त भारत का निर्माण है, ताकि भारत के युवा देश की विकास यात्रा में अपना शत प्रतिशत योगदान सुनिश्चित कर भारत को विश्व शक्ति के रूप में स्थापित कर सकें। इस दौरान लोगों को स्वदेशी अपनाने और स्वदेशी सामान खरीदने को लेकर प्रेरित किया गया, साथ ही युवाओं को स्वावलंबी बनने को लेकर जागरुक किया गया।

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