नई दिल्ली। ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के दौरान आयोजित शिशील्ड कॉन्क्लेव, मेडिवेज़ हेल्थ फाउंडेशन द्वारा इनर व्हील डिस्ट्रिक्ट 301 के सहयोग से आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम के रूप में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रारंभिक पहचान के महत्व को उजागर करना था। पद्मश्री से सम्मानित श्रीमती नलिनी अस्थाना और श्रीमती कमलिनी अस्थाना ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सशक्त किया। इस मंच ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत के संकल्प को और मजबूत किया, जिसमें स्वास्थ्य को सशक्त बनाने की दिशा में नीतिगत सुधारों पर जोर दिया गया।
भारत में महिलाओं का सबसे बड़ा हत्यारा: ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर, भारतीय महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों का प्रमुख कारण है। चिंताजनक आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत में हर चार मिनट में एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है और हर आठ मिनट में एक महिला इसकी वजह से अपनी जान गंवाती है। 2022 में, इस बीमारी ने अनुमानित 98,337 महिलाओं की जान ले ली। कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने प्रारंभिक हस्तक्षेप और सक्रिय स्क्रीनिंग उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यह एक स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है, जिसके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
शिशील्ड कॉन्क्लेव के प्रमुख बिंदु: महिलाओं के स्वास्थ्य नीतियों में परिवर्तन का आह्वान
ब्रेस्ट कैंसर की उच्च दर और मृत्यु दर पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता
प्रमुख विशेषज्ञों, जैसे कि एम्स के पूर्व प्रमुख डॉ. जी.के. रथ और सीके बिरला अस्पताल के ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा ने भारत में महिलाओं के बीच बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर मामलों पर चिंता जताई। हर दो महिलाओं में से एक स्तन कैंसर के निदान के बाद अपना जीवन खो देती है। चर्चा में यह बात सामने आई कि कम सेवा वाले समुदायों में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए व्यापक नीतियों की आवश्यकता है।
मेमोग्राम: प्रारंभिक पहचान के लिए एक क्रांतिकारी कदम
मेडिकल पेशेवरों और नीति निर्माताओं ने मेमोग्राम के उपयोग की सराहना की, जो कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती चरणों की पहचान में सहायक है। नूरा एआई स्क्रीनिंग के सलाहकार डॉ. अनुप यादव ने कहा कि मेमोग्राफी को एक नियमित स्क्रीनिंग उपकरण के रूप में अपनाया जाए तो ब्रेस्ट कैंसर के परिणामों में सुधार आ सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में मेमोग्राफी का समावेश
कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष था कि मेमोग्राफी को भारत की स्वास्थ्य नीति में शामिल करना चाहिए। ओएसवीआई हेल्थकेयर के सह-संस्थापक डॉ. प्रकाश सिंह ने “मेमोग्राम से परे: आजीवन कल्याण के लिए प्रारंभिक पहचान को सशक्त बनाना” सत्र का संचालन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रारंभिक चरण की पहचान से ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। यह भारत के स्वास्थ्य विकास लक्ष्यों के साथ मेल खाता है, जहां महिलाओं की स्वास्थ्य नीति को अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
दूसरा सत्र, “बाधाओं को तोड़ना: एक उज्जवल भविष्य के लिए महिलाओं के स्वास्थ्य का पुनर्निर्माण,” इनर व्हील डिस्ट्रिक्ट 301 की अध्यक्ष डॉ. मनीषा कौशिक की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य वक्ता नीति आयोग की प्रधान आर्थिक सलाहकार श्रीमती अन्ना रॉय ने अपने विचार रखे कि कैसे महिलाओं के स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण से राष्ट्र की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है। उनके साथ डॉ. निरुपमा प्रकाश, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की निदेशक, सुश्री सीमा गुप्ता, आईपीई ग्लोबल, और सुश्री रक्ष आगरवाल, एक्यूटी नॉलेज पार्टनर्स ने भी महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए।
मेडिवेज़ हेल्थ फाउंडेशन अपने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त करता है, जिसमें साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नूरा और सनराइज हॉस्पिटल शामिल हैं। इस कार्यक्रम ने साबित कर दिया कि प्रारंभिक पहचान न केवल जीवन बचा सकती है बल्कि एक सशक्त भारत का निर्माण भी कर सकती है।
मेडिवेज हेल्थ फाउंडेशन के संस्थापक अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका सर्वश्रेष्ठ है जिनके बिना एक विकसित समाज की कल्पना भी नही की जा सकती है, सह संस्थापक बृजेश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में शामिल हुए सभी अतिथियों का स्वागत और इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।
इस कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन मृणालकांत पाण्डेय व दूसरे सत्र का संचालन हर्ष श्रीवास्तव ने किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन औरिक सेनगुप्ता व राजवी मेहता ने बड़ी ही कुशलता पूर्वक किया।
कार्यक्रम में प्रमुख से इनरव्हील डी 301 की नीलम मिश्रा और इनरव्हील की सैकड़ों महिलाएं शामिल रहीं।
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