जीएसटी परिषद द्वारा किए गए संशोधन आम जनता से लेकर किसान हितैषी सोच को दर्शाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने जीएसटी में नेक्स्ट जेनरेशन रिफार्म का जो संकल्प लिया था, आज वह नए भारत की समृद्धि का आधार बन रहा है। जीएसटी दरों में कटौती आमजन से लेकर व्यापार जगत तक सभी वर्गों के लिए राहत साबित हो रही है। इसका असर रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी वस्तुओं पर भी दिखने लगा है, जिससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ कारोबारियों में भी खुशी का माहौल है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा गरीब, किसान, व्यापारी और मध्यम वर्ग के हितों को प्राथमिकता दी है। नई दरों से जहां आम उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर वस्तुएं मिलेंगी, वहीं कारोबारियों और उद्योग जगत को भी प्रतिस्पर्धा के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। यह निर्णय केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक नीतियों को स्थिरता और विकास का मॉडल माना जा रहा है। जीएसटी की नई दरों से न केवल महंगाई पर अंकुश लगेगा बल्कि निवेश का माहौल भी मजबूत होगा। प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है कि देश का हर नागरिक आत्मनिर्भर और खुशहाल बने। यही कारण है कि सरकार लगातार ऐसी नीतियां लागू कर रही है जिनका सीधा लाभ आम जनता तक पहुंचे। जीएसटी दर घटने से आम गृहिणियों के बजट पर भी सकारात्मक असर पड़ा है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दामों में कमी आने से परिवारों को आर्थिक सहूलियत मिली है।
35 हार्सपावर का ट्रैक्टर खरीदता था तोपहले उसे लगभग 6.5 लाख रुपये खर्च करने पड़ते थे। अब यही ट्रैक्टर करीब 6.09 लाख रुपये में मिलेगा। यानी लगभग 41 हजार की बचत होगी। 45 एचपी ट्रैक्टर पर करीब 45 हजार और 50 एचपी ट्रैक्टर पर 53 हजार रुपये की सीधी बचत होगी। बड़े 75 एचपी ट्रैक्टर पर लगभग 63 हजार रुपये का लाभहोगा। ट्रैक्टर ही नहीं, पावर टिलर पर करीब 12 हजार, धान रोपण यंत्र पर 15 हजार और प्रेशर पर लगभग 14 हजार रुपये की राहत मिलेगी। पावर बीहर और सीड-ड्रिल जैसे उपकरणों पर भी 5 से 10 हजार रुपये तक की बचत होगी। जीएसटी सुधारों से कटाई और बोआई की बड़ी मशीनें भी किसानों को सस्ते में उपलब्ध हो सकेंगी। 14 फीट कटर बार पर करीब 1.87 लाख, स्क्वायरबेलर पर 94 हजार और स्ट्रारीपर पर करीब 22 हजार रुपये बचेंगे मल्चर,सुपरसीडर,हैप्पीसीडर और स्प्रेयर भी सस्ते हुए हैं।
कृषि को अधिक लाभदायक बनाने के लिए मशीनीकरण जरूरी है। स्प्रिंकलर, ड्रिप इरिगेशन, कटाई मशीन, हाइड्रोलिक पंप और कलपुर्जी पर टैक्स घटने से सीमांत किसान भी आसानी से आधुनिक उपकरण खरीद पाएंगे। इससे श्रम लागत कम होगी, समय बचेगा और उत्पादकता बढ़ेगी। खेती के खर्च में कमी आने से स्वाभाविक रूप से किसान की आमदनी में वृद्धि होगी।
जम्मू-कश्मीर में इस सुधार का सबसे बड़ा लाभ बागवानी, अखरोट, चेरी और केसर उद्योग को मिला है। टैक्स कम होने से स्थानीय किसान अपनी उपज बेहतर दामों पर बेच सकेंगे और उनकी आमदनी बढ़ेगी।
हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों जैसे कांगड़ा चाय, काला जीरा, कुल्लू शॉल और कांगड़ा पेंटिंग्स पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे राज्य के किसान और कारीगर आत्मनिर्भर बनेंगे और स्थानीय उद्योग मजबूत होगा। उत्तराखंड में तेजपत्ता, मुनस्यारी राजमा, नैनीताल की लीची और स्थानीय हस्तशिप को इसका लाभ मिलेगा। झारखंड में सोहराय–खोवर पेंटिंग, ढोकरा कला, तसर रेशम और महुआ, तमिलनाडु के टेक्सटाइल उद्योग और विरुपाक्षी हिल केला, इरोड हल्दी, तंजावुर पेंटिंग तथा अरुंबावुर लकड़ी की नक्काशी पर 5% टैक्स से किसानों और कारीगरों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ में बस्तर आयरन क्राफ्ट, ढोकरा कला और चांपा सिल्क साड़ियों पर टैक्स घटाकर 5% किया गया। इस कदम से पारंपरिक कला और स्थानीय किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। केरल में अलेप्पी ग्रीन इलायची, मलाबार काली मिर्च, वयनाड कॉफी और अलेप्पी कोयर उत्पादों पर 5% जीएसटी लागू हुआ। यह राज्य की कृषि और हस्तशिल्प अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा। आंध्र प्रदेश में गुंटूर सन्नम मिर्च, तिरुपति लड्डू, कोंडापल्ली बोंम्मालु , पुडुचेरी में विलियनूर टेराकोटा और तिरुकन्नूर पेपियर मैशे क्राफ्ट, कर्नाटक में कोर्ग ऑरेंज, मैसूर सिल्क और चन्नपटना टॉयज महाराष्ट्र में कोल्हापुरी चप्पल, पैठणी साड़ियाँ, वारली पेंटिंग, नागपुर ऑरेंज, अल्फांसो आम और वैगांव हल्दी पर टैक्स घटाकर 5% किया गया। उत्पादन लागत कम होने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पंजाब में फुलकारी, हैंडलूम टेक्सटाइल्स, डेयरी उत्पाद, मखाना और कृषि मशीनरी पर 5% जीएसटी लागू हुआ। हरियाणा में बासमती चावल, सरसों का तेल, फुलकारी, डेयरी, मसाले, ट्रैक्टर और सौर उपकरण पर बड़ी राहत है। बिहार में महिलाओं और युवाओं के लिए यह सुधार वरदान साबित हुआ है। वस्त्र और डेयरी सेक्टर पर टैक्स कम होने से छोटे उद्यम और महिला समूह आत्मनिर्भर बनेंगे। उत्तर प्रदेश में खेल सामग्री, हैंडलूम और चमड़ा उद्योग को टैक्स घटाने से लाभ हुआ। इससे MSME उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा और युवाओं के लिए रोजगार बढ़ेंगे।
गुजरात के कपड़ा और डायमंड सेक्टर को विशेष राहत मिली है। उत्पादन लागत घटेगी, निर्यात बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह मोदी जी के “मेक इन इंडिया” विज़न को साकार करने वाला कदम है।
महाराष्ट्र में ऑटोमोबाइल और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को नई गति मिली है। निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा और औद्योगिक विकास की नई लहर आएगी। ‘सबका साथ-सबका विकास’ और अंत्योदय के संकल्प के साथ यही सिद्ध कर रही है कि आम जन से लेकर उद्योग व्यापार खेत-खलिहान की खुशहाली ही राष्ट्र की प्रगति का पर्याय है। अबकी बार पूरे देश में मंगल स्वर गूंजेगा ‘स्वदेशी सामनों के संकल्प के साथ दीपावली मनाएगा।
यह लेख वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मनीष अवाना जी द्वारा लिखा गया है ।
Comment here